हमारे देश में हर साल सैंकड़ों परीक्षाओं का आयोजन होता है उनमें से कुछ राज्य स्तरीय और केंद्र स्तर की होती हैं। भारत में सरकारी नौकरी का जबरदस्त क्रेज है लाखों की संख्या में बच्चे तैयारी करते हैं UPSC से लेकर PSC और वनडे एग्जाम्स की प्रिपरेशन करते हैं पिछले कई दशकों से एक समस्या बाधा बनी हुई है वह है पेपर लीक होने की समस्या, एक तो वैसे भी प्रतियोगिता में प्रतिस्पर्धा बहुत ज्यादा है ऐसे में पेपर का लीक हो जाना और फिर दोबारा कई महीने बाद रिएग्जाम होना छात्रों की कमर तोड देता था।
कई बार पूरे प्रोसेस में सालों निकल जाते थे सबसे बड़ी समस्या मध्यम और गरीब वर्ग के छात्रों को भुगतना पड़ता था क्योंकि आर्थिक तंगी और समय भी ज्यादा लगना। खैर केंद्र सरकार ने अब इसका हल निकाल लिया है संसद में एक बिल पेश हुआ है "पब्लिक परीक्षा विधेयक" (Public Examination Bill 2024) आइए जानते हैं इस बिल के बारे में।
पब्लिक एग्जामिनेशन बिल 2024
हाल ही में केंद्र सरकार सरकारी परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक करने वालों के उपर नकेल कसने जा रही है और विद्यार्थियों के लिए यह खबर बहुत ही सुकून पहुंचाने वाली है।
केंद्र सरकार की ओर से केन्द्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह द्वारा 5 फरवरी को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया गया है जिसका नाम "Public Examination Prevention Of Unfair Means Bill 2024" है लोकसभा से मंजूरी के बाद यह राज्यसभा में जाएगा और वहां से पास होने के बाद माननीय राष्ट्रपति के हस्ताक्षर द्वारा इसे लागू किया जाएगा।
इस विधेयक का उद्देश्य क्या है
अभी तक प्रतियोगी परीक्षाओं में धंधलेबाज व मुन्नाभैया जैसे जालसाजों के लिए कोई पुख्ता कानून नही था कुछ राज्यों ने कानून बनाए भी थे मगर वह इतने कारगर नहीं थे ऐसे में सरकार ने तय किया है कि अब छात्रों के एग्जाम फेयर होंगे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा इस बिल को लागू करने के बाद एक निष्पक्ष और ट्रांसपेरेंट कमेटी का गठन कर एक मजबूत सिस्टम प्रणाली विकसित की जाएगी।
इस कानून के अंतर्गत यह परीक्षाएं शामिल होंगी
लोक परीक्षा अनुचित साधन रोकथाम विधेयक 2024 के अंतर्गत वह सभी एजेंसी आएंगी जो गवर्नमेंट एग्जाम्स को कंडक्ट कराती थी बतौर उदाहरण
- UPSC द्वारा NDA, CDS Exams
- NEET Medical Exams
- CAT (MBA Related exams)
- IIT (JEE, JAM etc.)
- NET
- CSIR
- NTA
- Central University Entrance Exams
- SSC (CGL, CHSL, Multitasking)
यह कुछ मुख्य परीक्षाएं हैं जो इसके दायरे में आएंगी।
अपराध और दण्ड इस बिल के अंतर्गत
परीक्षा में पेपर संबंधी कोई भी गड़बड़ी विधेयक के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में गिने जाएंगे जैसे कि
- प्रश्न पुस्तिका या सॉल्वर उपलब्ध कराना
- उत्तर पुस्तिका में गड़बड़ी करना
- परीक्षा कक्ष में गड़बड़ी
- सिटिंग अरेंजमेंट में बाधा
- मेरिट गलत बनाना इत्यादि।
इन सब अपराधों के लिए निम्न जुर्माने का प्रावधान है।
- दोषी पाए जाने पर 3 से लेकर 5 वर्ष की जेल और 10 लाख तक का जुर्माना। अगर आप एक संगठित अपराध में सम्मिलित पाए जाते हैं तब सजा 10 साल तक की और जुर्माना राशि एक करोड़ होगी।
- एग्जाम कंडक्ट एजेंसी यदि अपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाई जाती है तो जुर्माना राशि एक करोड़ और उस परीक्षा के आयोजन में खर्च का अनुपातिक हिस्सा भी वसूलने का प्रावधान है और इसके साथ ही उसको हमेशा के लिए बैन या 4 सालों तक के लिए रोक लगा दी जाएगी।
इस अपराध में लिप्त लोगों को पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है और साथ ही यह गैर जमानती अपराध होंगे तथा बिल के अंतर्गत परीक्षा में सम्मिलित विद्यार्थी को इस कानून से अलग रखा गया है उसके पीछे कौन सा आर्गनाइजेशन काम कर रहा है वह असल अपराधी होगा।